26 MAY 2019 AT 13:28

परिवार की कैद अच्छी लगती है मुझे
उस लापरवाह आज़ादी से...........
उनकी निगाहें मुस्तैद अच्छी लगती है
उस बेपरवाह सी बर्बादी से..........

- हेमंत रहनुमादिल